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Student's Development Activities

नोवेशन क्लब

इस प्लेटफार्म में क्रिएटिव लर्निंग के साथ गेम्स स्टोरीज और एनिमेशन बनाने के लिए इंटरएक्टिव विजुअल पर आधारित, ब्लॉक आधारित प्रोग्रामिंग एप्लीकेशन है, यह एक इंटरएक्टिव और सरल कोडिंग लॉजिकल प्रोग्रामिंग सॉफ्टवेयर है जिसमें स्थानिक सांस्कृतिक स्प्राइट और बैकग्राउंड के साथ ड्रेस और ड्रॉप ब्लॉक का उपयोग किया जाता है और समझने में सरल है अमृत नवसृजन कोडिंग प्लेटफॉर्म छोटे बच्चे, शिक्षक को एक वैश्विक  सदी के लिए सोचने, सीखने में बहुत ज्यादा आवश्यक कौशल्य विकसित करने में सहायता करेंगे  

इस क्लब के अंतर्गत गुजरात के छात्र इनोवेशन, संशोधन और स्टार्ट अप के क्षेत्र में आगे  बढ़े। विनयन, वाणिज्य और विज्ञान के  क्षेत्र में अभ्यास करने वाले छात्र बिजनेस शुरु कर के अपनी कारकिर्दी बना सके और उद्योग साहसिक्ता को गति प्रदान करना उसका उद्देश्य है। 

 इस महाविद्यालय में इनॉवेशन क्लब की शुरुआत फरवरी 2021 से हुई। इसमें प्रारंभिक रूप में 10 छात्रों को शामिल किया गयाइनोवेशन क्लब कोऑडीनेटर के रूप में डॉ. भागीरथी भट्ट को चुना गया। गुजरात सरकार के उच्च शिक्षा विभाग द्वारा गुजरात राज्य की लगभग सभी कॉलेज के छात्रों को 1 महीने तक ऑनलाइन कोडिंग और एनिमेशन का प्रशिक्षण दिया गया। जिसमें गुजरात सरकार द्वारा निर्मित अमृत नवसृजनएप डाउनलोड करना था, जिसका निर्माण     मातृभाषा में किया गया था और उस ऐप के माध्यम से बच्चों को एनिमेशन सिखाया गया इसमें हमारी कॉलेज के 10 छात्रों ने बहुत ही बेहतरीन कार्य किया। 1 महीने की ट्रेनिंग के बाद  साइंससिटी में प्रतियोगिता का आयोजन किया गयाजिस में दिए गए विषय पर 2 से लेकर 10 मिनट का एनीमेशन वीडियो बनाकर भेजना था हमारी कॉलेज के 5 छात्रों ने वह वीडियो भेजा। जिसमें से 3 छात्रों के वीडियो को दुसरे स्तर की प्रतियोगिता के लिए चुना गया जो एक गौरव की बात थी मई 2021 में क्लब कोऑर्डिनेटर के लिए भी सायंससीटी में 5 दिन के प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। जिसमें इस संस्था के इनोवेशन क्लब कोऑर्डिनेटर डॉ भागीरथी भट्ट ने प्रशिक्षण लिया। 2022 में फिर एक स्टेट लेवल की प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था जिसमें साइंस सिटी में बैठकर ही दिए गए विषय पर एनिमेशन वीडियो बनाना था इसमें भी अपनी कॉलेज के 5 छात्रों ने हिस्सा लिया था और तीन छात्र पहले राउंड में सिलेक्ट भी हुए थे 

 सरकार ने इनोवेशन क्लब को प्रति कॉलेज दो लाख रुपए की किट भी प्रदान की है। और इस किट का किस प्रकार उपयोग करना है उसकी ट्रेनिंग भी अध्यापक और कॉलेज के छात्रों को भी दी गई जिसमें अपनी कॉलेज में नवंबर में प्रबुद्ध तालीम का आयोजन किया गया था। 70 छात्रों ने उसमें हिस्सा लिया था। प्रशिक्षण  के दौरान सभी 10 किट के बारे में विस्तृत समझाया गयाकिट का प्रशिक्षण देने के लिए उच्च शिक्षा विभाग से ही ट्रेनर आए थे 

 क्लब कोऑर्डिनेटर के लिए केसीजी में एक हफ्ते की ट्रेनिंग का आयोजन किया गया जिसमें इनोवेशन क्लब कोऑर्डिनेटर डॉ भागीरथ भट्ट ने प्रशिक्षण लिया।  

2023 के जनवरी महीने में उच्च शिक्षा विभाग गांधीनगर ने फिर से 15 दिन के लिए ऑनलाइन एनिमेशन और कोडिंग के प्रशिक्षण कार्य का आयोजन किया था जिसमें संस्था के 20 छात्रों ने हिस्सा लिया थाइनोवेशन क्लब  के सह कोऑर्डिनेटर डॉ. किशोर महेता बनाया गया 

उच्च शिक्षा विभाग, गुजरात सरकार के आदेश के अनुसार मेकेनिकल कीट और इलेक्ट्रोनिक कीट के उपयोग से छात्रों को सर्जनात्मक प्रवृतियां करवाई गई। उसके फोटो और वीडियो कोजिंट पर अपलोड किया गया 

  कॉलेज में छात्रों इनोवेशन कार्य करते हैं जब भी अवकाश मिलता है इनोवेशन की किट खोलते हैं और अपनी बुद्धि और रस रुचि क्षमता को ध्यान में रखते कार्य करते हैं 

मनोविज्ञान विभाग

 मनोविज्ञान विभाग इस संस्था की स्थापना के साथ ही शुरू हुआ इस संस्था में मनोविज्ञान विभाग हिंदी माध्यम और गुजराती माध्यम में चलाया जा रहा है इस संस्था में मनोविज्ञान के अध्यापक के रूप में शुरुआती दौर में डॉ अंजना संधीर, डॉक्टर रीटा सोनावाला बखूबी काम कार्य कर रहे थे उसके साथ कहीं सारे विजिटिंग अध्यापक भी इस संस्था में मनोविज्ञान के अध्यापक के रूप में कार्य करते थे 2003 में मनोविज्ञान विभाग में गुजराती माध्यम में डॉ. भागीरथी भट्ट इस संस्था से जुड़े 2012 में डॉ पीयूष भाई सोलंकी अध्यापक सहायक के रूप में मनोविज्ञान के अध्यापक के रूप में इस संस्था से जुड़े और 2022 में डॉक्टर रीटा सोनावाला की आयु निवृत्ति के बाद डॉ. किशोर भाई मेहता 2022 अक्टूबर से इस संस्था में मनोविज्ञान के अध्यापक के रूप में जुड़े आज मनोविज्ञान विभाग में 3 अध्यापक कार्यरत है 

समाज में मनोविज्ञान की आवश्यकता बहुत ही ज्यादा है इस विभाग ने बहुत सारे ऐसे छात्र समाज को दिए हैं, जो आज समाज में बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं जिसमें अहमदाबाद की बड़ी हॉस्पिटल कानोरिया हॉस्पिटल के मानसिक स्वास्थ्य केंद्र चाइल्ड केयर सेंटर चाइल्ड केयर सेंटर काउंसलिंग सेंटर और काउंसलिंग के होने वाले अभ्यास क्रम हमारी संस्था के प्रोफेसर नरेश त्रिवेदी विशेष प्रमुख रूप से कार्य कर रहे उसके साथ इसी संस्था के कपिल खुदानिया भी कार्य करते हैं और और कनेरिया हॉस्पिटल के विशेष रूप से कार्य करने वाले प्रोफेसर नरेश द्विवेदी ने अपनी टैगलाइन बनाई है की काउंसलिंग कोर्स करने वाले छात्र परिणाम से पहले जॉब पा लेंगे और इसे सार्थक करते हुए हमारी ही संस्था के बहुत सारे छात्रों ने कानोरिया हॉस्पिटल में काउंसलिंग का कोर्स किया है और जो भी सबको मिली है यह संस्था की उपलब्धि है और मनोविज्ञान विषय की भी 

 भारत की वैश्विक लेवल की यूनिवर्सिटी राष्ट्रीय रक्षा यूनिवर्सिटी है जिसमें अपनी संस्था का छात्र डॉक्टर महेश त्रिपाठी मुख्य अध्यापक के रूप में कार्य कर रहा है अहमदाबाद में कार्यरत मानसिक स्वास्थ्य केंद्र, काउंसेलिंग सेंटर और चाइल्ड केर सेंटर जैसे एनजीओ राष्ट्रभाषा के कई छात्र चला रहे हैं  

मनोविज्ञान विभाग ने शैक्षणिक वर्ष 2021–22 के दौरान की गई प्रवृतियां निम्न मुताबिक है। 

  • फॉरेंसिक साइंस लैब और राष्ट्रीय फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी की मनोविज्ञान विषय के छात्रों के साथ डॉ. रीटा सोनावाला और भागीरथी भट्ट ने  दिनांक 12/08/21 के दिन शैक्षणिक विजिट की थी इसका उद्देश फॉरेंसिक मनोविज्ञान में उज्जवल कारकिर्दी के बारे में छात्रों को जानकारी प्राप्त हो, और  भविष्य में छात्र इस क्षेत्र में अभ्यास कर सकें यह था इस कार्य में हमें फॉरेंसिक लैब के कर्मचारी और फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी के कर्मचारियों ने बहुत ही अच्छा सहयोग दिया उसके लिए हम उसके आभारी है
  • छात्रों में सलाह मनोविज्ञान के बारे में सही जानकारी प्राप्त हो, सलाह मनोविज्ञान के अलग-अलग कोर्स के बारे में जानकारी प्राप्त हो और छात्र अपने भविष्य में अच्छे सलाह मनोवैज्ञानिक रूप में कार्य कर सके उस उद्देश्य से कनोरिया हॉस्पिटल के मानसिक स्वास्थ्य केंद्र और चाइल्ड केर सेंटर की शैक्षणिक मुलाकात दिनांक 17/09/21 के दिन 28 मनोविज्ञान के छात्रों के साथ डॉ. रीटा सोनावाला और डॉ. भागीरथी भट्ट ने ली थी शैक्षणिक मुलाकात के दौरान मानसिक स्वास्थ्य केंद्र और चाइल्ड केयर सेंटर के हेड और गौरव के साथ हमारी कॉलेज के भूतपूर्व छात्र ऐसे प्रोफेसर नरेश त्रिवेदी ने छात्रों के साथ चिंतनीय वार्तालाप किया जिससे छात्रों में अभ्यास के प्रति प्रेरणा बढ़े और अपने भविष्य के बारे में सही निर्णय ले सके हम कनेरिया हॉस्पिटल के समग्र स्टाफ के प्रति  सहयोग देने के धन्यवाद प्रगट करते हैं। 
  • बी. एम. इंस्टिट्यूट नोदुर्बल बच्चों के लिए कार्य करनेवाली संस्था है। जिसमें मनोदुर्बल बच्चों को सिखाने के तरीके, उसके व्यवहार के बारे में समज और उसके भावि विकास के बारे में जानकारी विद्यार्थियों को मिले, साथ ही साथ सलाह मनोवैज्ञानिक के रूप में कार्य करने के लिए आवश्यक RCI सर्टिफिकेट प्राप्त हो ऐसे 3 कोर्स के बारे में भी विद्यार्थी जानकारी प्राप्त करें, उस उद्देश्य से इस संस्था की शैक्षणिक मुलाकात मनोविज्ञान के 44 छात्रों ने दिनांक 1310/21 के दिन ली थी डॉ. रीटा सोनावाला और डॉ. भागीरथी भट्ट छात्रों के मार्गदर्शन और उत्साह  बढ़ाने के लिए छात्रों के साथ रही।  इसी दिन बी एम इंस्टिट्यूट में एक प्रदर्शनी का भी आयोजन था जिसमें मानसिक स्वास्थ्य के बारे में बहुत ही समझने वाले चार्ट प्रस्तुत किए गए थे कुछ मनोवैज्ञानिक परीक्षण लाइव करवाई जा रही थी जिसका लाभ छात्रों ने दिया और मनोवैज्ञानिक परीक्षण के बारे में उसे समझ प्राप्त हुई। कुछ  चीजों की बिक्री की जा  रही थी को मनोदुर्बल बच्चों ने बनाई थी हम सब ने कुछ ना कुछ चीजें भी खरीदी ताकि मनोदुर्बल बच्चों का उत्साह और प्रेरणा बढ़े। समग्र से शनि की विजिट के दौरान वहां की मनोवैज्ञानिक राजुलबेन मलिक ने हमें बहुत ही अच्छा सरकार दिया हम उसके लिए उस के आभारी हैं 
  • जो भी संस्था की शैक्षणिक मुलाकात हुई है, उस मुलाकात को विद्यार्थी कीतना और किस प्रकार समझा है वह जानने के उद्देश्य से प्रत्येक छात्र से मुलाकात का लिखित अहवाल लिया जाता है और प्रत्येक शैक्षणिक मुलाकात के बाद प्राप्त लिखित अहेवाल में श्रेष्ठ अहेवाल देने वाले छात्रों को चुना जाता है और प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है ताकि दूसरे विद्यार्थियों को प्रेरणा मिले इन तीनों  मुलाकात से श्रेष्ठ अहेवाल देनेवाले छात्र है चेलानी चांदनी, अशोक गिरी और धारिणी सोनी 
  • मनोविज्ञान विषय के छात्रों ने पुस्तक मेले की विजिट की और आवश्यक अच्छी किताबे भी खरीदी 
  • सेम 5/6 के छात्रों को मनोविज्ञान के चुने गए दो-तीन विषय पर चर्चा गोष्ठी करवाई गई जिसमें विद्यार्थियों ने दिए गए विषय संबंधी बहुत ही बेहतरीन और महत्त्वपूर्ण मुद्दे प्रस्तुत किए 

मनोविज्ञान विभाग ने शैक्षणिक वर्ष 2022–23 के दौरान जो प्रवृतियां की है वह निम्न मुताबिक है 

शैक्षणिक मुलाकात  

मनोविज्ञान विभाग द्वारा 3 सितंबर 2022 के दिन कनोरिया मेंटल हॉस्पिटल और चाइल्ड केर सेंटर, भाट, गांधीनगर की शैक्षणिक मुलाकात का कार्यक्रम आयोजित किया गया था जिसमें मनोविज्ञान विषय के साथ अभ्यास करने वाले 32 छात्र और संस्था के अध्यापक डॉ. भागीरथी भट्ट एवं डॉ. किशोर मेहता भी थे इस मुलाकात का उद्देश्य यह था कि, छात्र कनरिया मेंटल हॉस्पिटल और चाइल्ड केयर सेंटर में चलने वाले काउंसलिंग के कोर्स के बारे में समझ प्राप्त कर सकें और भविष्य में मनोवैज्ञानिक सलाहकार बनने की कारकिर्दी चुन सकें हमारे लिए यह गौरव की बात है कि कनोरिया मेंटल हॉस्पिटल के मुख्य इंचार्ज और काउंसलिंग कोर्स के दोनों अध्यापक प्रोफेसर नरेश त्रिवेदी और प्रोफेसर कपिल खुदानिया इस संस्था के भूतपूर्व छात्र है इस संस्था के छात्रों ने सलाहकार का कोर्स यह दोनों के मार्गदर्शन में किया है और आज मनोवैज्ञानिक सलाहकार के रूप में अपनी कारकिर्दी भी बनाई है 

विशेषज्ञ व्याख्यान 

मनोविज्ञान विभाग द्वारा कारकीर्द  मार्गदर्शन और मानसिक स्वास्थ्य” पर व्याख्यान का आयोजन 20 जनवरी 2023 के दिन किया गया था जिसमें संस्था के रुचि रखने वाले सभी छात्र उपस्थित रहे थे इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में हमारी ही संस्था के भूतपूर्व छात्र और कनोरिया मेंटल हॉस्पिटल के इंचार्ज प्रोफेसर नरेश त्रिवेदी को निमंत्रित किया गया था जिसने छात्रों को 2 घंटे तक कारकिर्दी चुनाव और मानसिक स्वास्थ्य के ऊपर प्रेरणात्मक लेक्चर दिया। साथ ही  छात्रों के सवालों के उत्तर भी संतोषपूर्ण दिया। यह कार्यक्रम संस्था के प्रिं. डॉ. अशोक पटेल, मनोविज्ञान के विभाग के डॉ. भागीरथी और डॉ. किशोर मेहता के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया था मनोविज्ञान वास्तव में चारदीवारी के बीच पढ़ने से ज्यादा वास्तविक जीवन में जीने का विषय है इसीलिए वर्ग में छात्र केवल निश्चित सिलेबस का ही अभ्यास करें वह सीमित हो जाता है छात्रों को जीवन जीने में जो सहायक है, उस पाठ का प्रैक्टिकल करवाना भी उतना महत्वपूर्ण है इसीलिए सेम 6 के मनोविज्ञानिक निबंध में योग और प्राणायाम पढ़ने के साथ-साथ हम छात्रों को उसके प्रैक्टिकल भी करवाते हैं ताकि उसका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य बने और अभ्यास में एकाग्रता बढ़े। उसी तरह औद्योगिक मनोविज्ञान भी वास्तविक जीवन के साथ जुड़ा हुआ विषय है छात्र औद्योगिक फील्ड में मनोविज्ञान के उपयोग के बारे में वास्तविक समाज प्राप्त कर सके उस उद्देश्य प्रोडक्ट बनाने और उसकी विज्ञापन किस प्रकार करेंगे वह कार्य प्रोजेक्ट के रूप में दिया जाता है छात्र अपने मौलिक प्रोडक्ट की मौलिक विचारधारा से सृजनात्मकता का परिचय देते हुए बहुत ही बेहतरीन चार्ट बनाकर विज्ञापन करते हैं और उसकी प्रदर्शनी भी रखी जाती है  

मनोविज्ञान विभाग में जो प्रवृतियां करवाई जाती है उसमें विद्यार्थी ने कितना समझा और पूरी तरह से उसको अपने में उतार पाया कि नहीं वह जानने के लिए कोई भी कार्यक्रम के बाद उसका अहेवाल लिया जाता हैसबसे अच्छी प्रस्तुति को पुरस्कृत भी किया जाता है मनोविज्ञान सैंपल 6 के छात्र अध्यापक के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ जाते हैं और यह आवश्यक भी है इस भावनात्मक बंधन और ज्यादा मजबूती प्रदान करने के लिए वर्ग खंड में छात्रों के साथ उसके जीवन से जुड़ी निजी समस्या पर भी चर्चा करते हैं कोई मनोवैज्ञानिक विषय पर वाद-विवाद का भी आयोजन किया जाता है छात्रों की नियमितता बढ़ाने के लिए हमेशा एक सुविचार लिख पाते हैं और दिन भर के कार्य का ब्यौरा भी डायरी में लिखते हैं मनोविज्ञान विषय के साथ बीए करने वाले छात्र भी के बाद भी हमारे साथ जुड़े रहते हैं चाहे वह सलाहकार का कोर्स करते हो या करते हो संस्था में मार्गदर्शन के लिए अनिवार्य रूप से 

आती है यह विद्यार्थी के साथ आत्मीयता है और विभाग की उपलब्धि भी 

C.W.D.C विभाग 

गुजरात यूनिवर्सिटी का एक महत्वपूर्ण विभाग है, C.W.D.C और ICC विभाग  

यह दोनों विभाग प्रत्येक कॉलेज में अनिवार्य रूप से चलाए जा रहे हैं आज के युग में लड़कियों का जातीयता शोषण के मामले बढ़ रहे है। लड़कियों की जाती और निजी समस्याएं भी बढ़ रही है लेकिन कहीं उसे हल नहीं मिल रहा है। तब आवश्यक है कि ऐसे सेल के माध्यम से लड़कियों को हर तरह की सुरक्षा प्रदान करने की कोशिश की जाए नारी उत्थान के लिए, स्त्री सशक्तिकरण के लिए, स्त्री में दबी हुई शक्ति को बाहर निकालने के लिए, लड़कियों की निजी समस्या का समाधान करने के लिए, लड़कियों की सामाजिकमानसिक और बाहर की दुनिया में होने वाली समस्याओं को हल करने के लिए यह विभाग चलाया जा रहा है अपनी संस्था में ये विभाग के तहत बहुत ही बेहतरीन कार्य हो रहा है इस विभाग के अंतर्गत साल भर में लड़कियों के आरोग्य को ध्यान में रखते हुए डॉक्टर को बुलाया जाता है लड़कियों को स्व बचाव का प्रशिक्षण दिया जाता है लड़कियों में रही प्रतिभा को निखारने के लिए विभिन्न प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जाता है, और जितने वाली लड़कियों को इनाम और प्रमाण पत्र भी प्रदान किया जाता है  

इस साल C.W.D.C विभाग द्वारा कोलेज की छात्रों के लिए विविध प्रकार के कार्यक्रम का आयोजन किया गया|

2022–23 में की गई प्रवृतियां निम्न मुताबिक है 

  लड़कियों के साथ होने वाले जातीय शोषण समस्या और जातीय निजी समस्या के हल के लिए गुजरात यूनिवर्सिटी  C.W.D.C और ICC विभाग द्वारा गुजरात  युनिवर्सिटी सेनेट में आयोजित सेमिनार “Awareness initiative for prevention of sexual  harassment (POSH) at work place  and phenomenal  women –A tribute  to womanhood program”  में  कोलेज की 45 छात्राओ के साथ CWDC  कन्वीनर डॉ. शोभना चौहान, डॉ भागीरथी भट्ट, डॉ सीता चौधरी ने  सेमिनार में हिस्सा लियाइस सेमिनार में शहर के सुप्रसिद्ध गाइनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर ने लड़कियों को जातीय निजी समस्या के बारे में समझ दी। और जातीय शोषण या जातीय प्रताड़ना से कैसे बचे उसका मार्गदर्शन भी बहुत ही बेहतरीन तरीके से दिया 

छात्रों में छिपी कला को बाहर निकालने के लिए संस्था में दी. 20/02/2023 के दिन कोलेज में एक चित्रकला वर्कशॉप का आयोजन किया गया था| यह वर्कशॉप पी.डी.लाईट कम्पनी और संस्था के संयुक्त उपक्रम में आयोजित किया गया था। पीड़ीलाइट कंपनी की ओर से कलाकार के रूप में  वीणा पंचाल ने छात्रों को चित्रकला की अलग-अलग शैलियों के बारे में जानकारी दी। सिर्फ जानकारी ही नहीं बल्कि साथ में उसके चित्र भी दिखाए गए।   चित्रकला में इस्तेमाल किए जाने वाले रंग के उपयोग किस तरह होता है, कौन से प्राकृतिक रंगों परंपरागत वस्तुओं का उपयोग होता है उसके बारे में छात्रों को जानकारी दीचित्रकला में रुचि रखने वाले छात्रों को एक हफ्ते का प्रशिक्षण भी दिया जाएगाछात्र जो भी शैली में वह रुचि रखता है उसी शैली का प्रशिक्षण ले सकता हैइस कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य यह था कि जिसमें चित्रकला की अभियोग्यता है वह छात्रा प्रशिक्षित होकर व्यवसायिक रूप से उसका उपयोग कर सकें 

 छात्रों में स्वसुरक्षा, साइबर सुरक्षा, क़ानूनी जानकारी, शारीरिक, मानसिक और निजी समस्या के बारे ma जागरूकता  आए ऐसे कार्यक्रमों कॉलेज में किये जाते है  

नेचर क्लब 

इस संस्था में नेचर क्लब की स्थापना 2007 में की गई। तब नेचर क्लब के कन्वीनर के रूप में डॉ. भागीरथी भट्ट छात्रों को प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण के बारे में जागरुकता लाने का कार्य करती थी 2015 से डॉ. शोभना चौहान ये कार्य बखूबी निभा रही है। ईस क्लब का प्रमुख उद्देश्य आज के मोबाइल युग में टेक्नोलॉजी के साथ जुड़े हुए छात्रों को प्रकृति की ओर ले जाने और छात्रों में साहसिकता का गुण विकसित करने का था इस संस्था में नेचर क्लब के माध्यम से ऐसे कार्यक्रम करवाए जाते हैं जो वाकई में छात्रों में पर्यावरण और प्रकृति के प्रति जागरूकता बढ़ाते हैंप्रतिवर्ष छात्रों को युवक कल्याण विभाग, गुजरात यूनिवर्सिटी, गुजरात सरकार द्वारा आयोजित अलग-अलग कैंप जैसे की, जंगल परिभ्रमण, ट्रैकिंग कैंप, डेजर्ट कैंप, मरीन कैंप, पर्वतारोहण के बैजिक और एडवांस कैंप, हिमालयन ट्रैकिंग कैंप आदि में भेजा जाता हैगिर राष्ट्रीय उद्यान, पुनीत वन, और सुंदरवन जैसे प्राकृतिक संस्थाओं का मुलाकात, वृक्षारोपण के लिए पौधो का वितरण, पर्यावरण जागरूकता के बारे में निबंध प्रतियोगिता, प्रकृति और पर्यावरण पर व्याख्यान और पर्यावरण और प्रकृति संबंधित चित्र प्रतियोगिता जैसे कार्यक्रमों के आयोजन से भी छात्रों में पर्यावरण और प्रकृति के प्रति जागरूकता फैलाने की कोशिश की जाती है।  

इस साल (2022–23) गुजरात यूनिवर्सिटी युवक कल्याण विभाग द्वारा आयोजित पर्वतारोहल केम्प जूनागढ़ में  कोलेज  छात्रा ने हिस्सा लिया और आबू में आयोजित परिभ्रमण केम्प तथा बेज़िक केम्प में कोलेज के आठ छात्रो ने हिस्सा लिया। 

  प्रति वर्ष गुजरात सरकार के युवक कल्याण विभाग द्वारा आयोजित अपनी सीमाओं को पहचानोके अंतर्गत गुजरात के अलग-अलग जंगलों में और गुजरात की सीमाओं पर अलग-अलग कैंप का आयोजन किया जाता है। जिसमें जंगल परिभ्रमण, मरीन केम्प, डेजर्ट कैंप में छात्रों उत्साहपूर्वक हिस्सा लेते है  

गुजरात यूनिवर्सिटी के युवक कल्याण विभाग द्वारा जो भी कैंप करवाए जाते हैं उसमें प्रति कैंप प्रति कॉलेज में से सिर्फ 2 छात्रों को ही चुना जाता है अन्य छात्र जो कैंप करने के लिए उत्सुक है लेकिन उसे कोई जानकारी नहीं है और ना ही उसके पास आर्थिक सुविधा है तो ऐसे छात्रों को स्वामी विवेकानंद माउंटेन इंस्टीट्यूटमां. आबू (जो गुजरात सरकार द्वारा चलाया जाता है) के बारे में जानकारी दी जाती है। जहा 10 दिन का पर्वतारोहण बैज़िक कैंप बहुत ही कम खर्च में करने की सुविधा है सिर्फ 1300 ₹ के आसपास की कीमत में 10 दिन का कैंप (जिसमें रहना, खाना और पर्वतारोहण के सभी प्रकार का प्रशिक्षण शामिल है।) गुजरात सरकार के प्रमाणपत्र के साथ कर सकते हैं यह प्रमाण पत्र सरकारी नौकरी में भी उसे सहायता प्रदान करता है इस संस्था के कई सारे छात्रों ने अपने खर्च से पर्वतारोहण का बेजिक कैंप सफलतापूर्वक किया है 

सरदार पटेल ट्रस्ट द्वरा आयोजित निबंध प्रतियोगिता में छात्रों ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया था | 

NCC : NATIONAL CADET CORPSE 
 
CAREER COUNSELING

There is Career Counseling Club in the college and that has been named by the Higher Education as ‘UDISHA’. Under this banner the team member of ‘UDISHA’ organizes different activities including poster exhibition, education institutions’ exhibition, lectures on job – oriented -further courses. In the college, UDISHA is taken care of Dr. Rakesh Bharadwaj, Dr. Smita Joshi and Dr. Bhagirathi Bhatt.

SPORTS AND PHYSICAL EDUCATION

Department of sports and physical education has been there since the inception of the institute -1993. Prof. Manubhai Bharwad heading the Department. Since then Dinesh Upadhyay from non-teaching staff has constantly been rendering his services in the campus and out of the campus. Both Prof. Manubhai Bharwad and Dinesh Upadhya never let any stone unturned in motivating the students in participating different games. Students do take part in different games like Football, Cricket, Handball, Boxing, Judo, Swimming, Kabaddi and Chess. The students of the institute have performed well in different games at national level and international level.

NSS : NATIONAL SERVICE SCHEME

National Service Scheme popularly known as NSS was infact launched in Gandhiji’s Birth Centenary year 1969 in 37 Universities involving 40,000 students with primary aim to develop personality of the student volunteers through community service. Today NSS has more than 24 lakh students volunteers on its roll spread over 251 universities. Since its inception, more than 2.70 crore of students from various Universities, Colleges and institutions of higher learning have been benefitted from the N.S.S. activities.
N.S.S. in M. B. Patel Rashtrabhasha Arts and Commerce College has become synonym of labour, dedication, sincerity and perseverance. NSS in the college tries its level best to abide by the objectives of NSS. NSS unit started in the college from the day one of the commencement of the college. Several programme officers rendered their services to NSS unit. Since inception there were Prof. Ashok Patel, Prof. Yogesh Rajgor, Prof. Jinendra Jain, Prof. Suresh Nayi, performed their roles as active programme officers. At present NSS unit is full of activities under the expert guidance of Dr. Bhagirathi Bhatt. She is motivating the students towards the motto of ‘Not Me But You.’ More than hundred students get enrolled under NSS unit every year from Arts and Commerce faculties and perform their roles as NSS volunteers to the best of their abilities.  

SCHOLARSHIP

M.B.Patel Rashtrabhasha College has got such benevolent teachers in its staff for which the institute takes pride. Prof. Vaishali Dholakia, Head of Gujarati Department, arranged scholarship for the needy students – the students coming from lower and lower-middle class. She gets Rs.60,000/- per year for such financially weak students from ‘Late Purvi Satish Dalal Trust’, and every year about 30 students are benefitted from this financial assistance. Prof. Vaishali has been bringing this scholarship from the trust for seven years. And till now about two hundred fifty students have been benefitted.